Ghazal — "Dosti Ki Roshni
✍️ — Nadim Saifi
तेरी मुस्कान में इक दुनिया समा जाती है,
तेरी चाहत से मेरी रूह महका जाती है।
तू जो साथ हो तो हर जंग आसान लगे,
तेरे बिन ज़िंदगी वीरान नज़र आती है।
तेरी बातों में है वो सुकून का मौसम,
जो हर थके दिल को नया जज़्बा दिला जाती है।
तेरे ख़त में भी महकते हैं दुआओं के गुल,
तेरी यादें भी अंधेरों में चिराग़ बन जाती हैं।
हर ग़म, हर चोट को हँस के सहा मैंने,
तेरी दोस्ती हर दर्द दबा जाती है।
तेरे दिल की तरह साफ़ है मेरा इरादा भी,
जो वफ़ा तुझसे की है, वही निभा जाती है।
लोग कहते हैं कि रिश्ते बदल जाते हैं,
दोस्ती वक़्त के तुफ़ानों को भी झुका जाती है।
तेरे हर वादे में इक जन्नत का एहसास है,
तेरी आवाज़ भी टूटे दिल को मना जाती है।
तेरे बिन ख़ुशियों का कोई रंग नहीं Saifi,
तेरा होना ही तो मेरी ज़िंदगी बना जाती है।
चलो वादा करें इस रोशनी को बचाए रखेंगे,
क्योंकि सच्ची दोस्ती ही दुनिया को सिखा जाती है।
0 Comments